9 नवंबर 2011
मुंबई। बॉलीवुड महानायक अमिताभ बच्चन ने अपने पोते या फिर पोती के जन्म की खबर पर मीडिया कवरेज पर लगी पाबंदी से अपना पल्ला झाड़ लिया है। उनका कहना है कि उन्हें ऐसे किसी भी निर्देश की जानकारी नहीं जो ब्रॉडकास्ट एडिटर्स एसोसियेशन की तरफ से मीडिया के लिए जारी की गई है जिसमें एश्वर्या और अभिषेक के बच्चे के जन्म पर मीडिया के कवरेज पर बैन लगा दिया गया है। बिग बी ने अपने टि्वटर पर लिखा है कि मेरी ऐसी कभी भी मंशा नहीं थी।
महानायक ने कहा है कि उन्हें अपने पोते या पोती के जन्म को लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की कवरेज पर रोक लगाने की मंशा नहीं है। लेकिन सवाल पैदा होता है कि क्या वाकयी अमिताभ को ऐसी किसी भी पाबंदी के बारे में पहले से जानकारी नहीं थी। आखिर बिना बिग बी की शिकायत के ब्रॉडकास्ट एडिटर्स एसोसियेशन इतना सख्त कदम कैसे उठा सकता है। पहले भी मीडिया में आयी रिपोर्ट के मुताबिक अमिताभ ने खुद ही अस्पताल के बाहर कैमरा और पत्रकारों की मौजूदगी पर बैन लगाने की केन्द्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय से गुहार लगाई है।
हालांकि इसके बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है। फिर भी क्या बच्चन परिवार की निजी खुशियों को मीडिया में कब और कितना बांटना है, इसका निर्णय भी क्या मंत्रालय लेगा ! क्या बिना अमिताभ की आपत्ति के ही मंत्रालय ने मीडिया को बेबी बच्चन के जन्म पर 10 सूत्री पाबंदी की लंबी लिस्ट थमा सकता है ?
फिलहाल अमिताभ का तो यही कहना है कि " मेरी कभी ऐसी मंशा नहीं रही। और क्या आप सोचते हैं कि मंत्रालय मेरी बात सुनेगा।" इसके अलावा एक वरिष्ठ पत्रकार ने इस बारे में उन्हें एक संदेश भेजकर सूचित किया, जिसके बाद अमिताभ को ब्लॉग के जरिए यह स्पष्ट करना पड़ा कि उन्हें इन दिशानिर्देश को जारी कराने में कोई भूमिका नहीं है। अमिताभ ने कहा इस बात की भी सूचना है कि मंत्रालय ने यह कहते हुए एक आदेश पारित किया है कि एक मरीज की गरिमा का सम्मान होना चाहिए और अस्पताल के बाहर ओबी वैन की तैनाती की अनुमति नहीं देनी चाहिए।
इतना तक तो ठीक है लेकिन मीडिया अमिताभ के पोते पर कितने मिनट का कवरेज करे इसपर दिशा निर्देश आखिर मंत्रालय कैसे दे सकता है। फिलहाल अमिताभ ने इस मामले को देखने के लिए जनसंपर्क एजेंसी को नियुक्त किया।
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